Sentinelese : दुनिया की रहस्यमयी जनजाति

Sentinelese : दुनिया की रहस्यमयी जनजाति
बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के अंतर्गत यहाँ की राजधानी पोर्ट-ब्लेयर से 50 किमी.पश्चिम में एक छोटा सा द्वीप है जिसे उत्तरी सेंटिनेल द्वीप ( North Sentinel Island) के तौर पर जाना जाता है| प्रशासनिक तौर पर ये द्वीप दक्षिण अंडमान जिले के अंतर्गत आता है| यह द्वीप करीब 8 किमी.लंबा औऱ 7 किमी चौड़ा लगभग 60 वर्गकिमी क्षेत्र में फैला हुआ है|इस द्वीप के चारों और 5 समुद्री मील(करीब सवा नौ किमी.) तक किसी को भी बिना पूर्वानुमति के जाने की इजाजत नही है
इस द्वीप पर दुनिया की सबसे प्राचीनतम औऱ अकेले रहने को पसंद (एकलखोर) करने वाली जनजाति निवास करती है जिसे Sentinelese जनजाति के तौर पर जाना जाता हैं| करीब 250 सालों के ज्ञात इतिहास में सैंकड़ो ऐसे प्रयास किये गये कि इस जनजाति के लोगों से संपर्क स्थापित किया जा सके किन्तु इन प्रयासों का इस जनजाति द्वारा हमेशा हिंसक प्रतिरोध किया गया| इन प्रयासों में कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा| इसी हिंसक मुहिम के मद्देनजर भारत सरकार ने संपर्क के प्रयासों को रोकते हुए इस क्ष्रेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया जहाँ अब बिना अनुमति कोई नही नही जा सकता|
सेंटिनेलीज़ के बारे में सबसे पहले जिक्र 1771 ईस्वी में ब्रिटिश सर्वेयर जॉन रिचे ने किया जब उसने वहां देखें गए प्रकाश का जिक्र करते हुए किसी मानवीय उपस्थिति का संकेत दिया| इसी वर्ष के अंत में एक भारतीय मर्चेंट जहाज इस द्वीप के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें बचे 106 यात्रियों पर सेंटिनेलीज़ ने हमला कर दिया जिन्हें बाद में भारतीय नौ-सेना द्वारा सुरक्षित निकाला गया|
करीब 110 साल बाद 1880 ईस्वी में मौरिस विडाल पोर्टमैन ने इस द्वीप पर जाने का साहस किया औऱ वहां से एक बुजुर्ग जोड़ा और उनके चार बच्चों को पोर्ट ब्लेयर ले आया किन्तु कुछ ही दिनों में वो बुजुर्ग जोड़ा मर गया और बच्चें भी मरनासन्न स्थिति में आ गए जिनपर तरस खाकर उन्हें वापिस इसे द्वीप पर छोड़ दिया गया| पोर्टमैन ने 1880 से 1887 के बीच उधर कई जोखिम भरी यात्राएं की औऱ सेंटिनेलीज़ जनजाति के लोगों से जुड़ाव का प्रयास किया|
आजादी के बाद 1967 से 1975 के बीच भारत सरकार ने इनसे संपर्क के प्रयास किये किन्तु सफलता नही मिली| 1977 औऱ 1981 में यहाँ दो औऱ जहाज दुर्घटना के शिकार हुए जिनके मलबे से सेंटिनेलीज़ ने लोहे के हथियार औऱ तीर बना लिए जिनसे वे ज्यादा घातक हमलावर हो गए|
1991 से 1997 के बीच एंथ्रोपोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक पंडित त्रिलोकनाथ के नेतृत्व में कई बार इस जनजाति के लोगों से संपर्क स्थापित किया गया औऱ सबसे आश्चर्यजनक बात ये रही कि 250 सालों के इतिहास में केवल ये प्रयास ही शांतिपूर्ण औऱ मैत्रीपूर्ण रहे| पंडित त्रिलोकनाथ के द्वारा दिये गए खाने पीने के सामान को उन्होंने स्वीकार कर लिया और उन्हें औऱ उनकी टीम को सेंटिनेलीज़ ने कोई नुकसान नही पहुँचाया| 1997 के बाद भारत सरकार ने इन प्रयासों को रोक दिया क्योंकि इन प्रयासों में जान माल के नुकसान का खतरा था|
2004 में आये भूकम्प और सुनामी के नुकसान का सर्वे करने के लिए भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर इस द्वीप पर गस्त करने पहुँचे तो इन लोगों ने उन पर तीरों और पत्थरों से हमला किया| 2006 में दो भारतीय मछुआरे इस द्वीप पर गलती से पहुँचे तो उन्हें मार दिया गया| 2018 में एक ईसाई मिशनरी जॉन एलन चाऊं धर्म प्रचार के लिए इधर गया तो उसे भी सेंटिनेलीज़ द्वारा मार कर दफना दिया गया|
आज तक न तो सेंटिनेलीज़ की भाषा को कोई समझ पाया है और न ही इनकी संख्या कितनी है उसका अंदाजा किसी को हो पाया है|ऐसा अनुमान है कि इनकी संख्या 400-500 के बीच हो सकती हैं| ये लोग बाकी दुनिया के संपर्क में आना ही नही चाहते इसलिए भारत सरकार ने भी अब इधर जाने को प्रतिबंधित कर दिया है|
दुनिया चांद पर पहुँच गयी और जमाना डिजिटल हो गया किन्तु सेंटिनेलीज़ जनजाति अभी पाषाण काल मे जी रही है| अभी भी वे लोग कृषि से परिचित नही है और नंगे रहते है|उन तक पहुँचने के जितने भी प्रयास किये वे अब नाकाफी सिध्द हुए हैं| सरकार भी उनके साथ जोर जबर्दस्ती नही करना चाहती जैसे वे जीना चाहे वैसे उन्हें जीने देना चाहती है|

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Sentinelese : The Mysterious Tribe of the World

North Sentinel Island is a small island located about 50 kilometers west of the capital Port Blair in the Andaman and Nicobar Islands group in the Bay of Bengal. Administratively, this island comes under the South Andaman district.About 8 kilometers long and 7 kilometers wide. Access to this island within a 5 nautical mile (approximately 9 km) radius is strictly prohibited without prior permission.
The indigenous tribe residing on this island is known as the Sentinelese tribe, known for their preference for solitude (being an isolated group). Over the course of about 250 years of known history, numerous attempts have been made to establish contact with the people of this tribe, but these efforts have always been met with violent resistance. Many individuals have risked their lives in these attempts, which led the Indian government to declare this region a restricted area to prevent further contact attempts without permission.
The first mention of the Sentinelese dates back to 1771 when British surveyor John Ritchie noted signs of human presence during his visit to the island. Later that year, an Indian merchant ship ran aground near the island, and surviving passengers were attacked by the Sentinelese, with the Indian navy later rescuing the remaining 106 passengers.
Nearly 110 years later, in 1880, Maurice Vidal Portman ventured to the island and managed to bring back an elderly couple and their four children to Port Blair. However, the elderly couple soon died, and the children fell ill, prompting their return to the island out of sympathy. Portman made several risky expeditions to the island between 1880 and 1887 in an effort to establish contact with the Sentinelese.
Following independence, the Indian government attempted contact between 1967 and 1975 without success. In 1977 and 1981, two separate ships faced accidents near the island, with the Sentinelese fashioning iron weapons and arrows from the wreckage, resulting in more aggressive encounters.
Between 1991 and 1997, under the direction of anthropologist Pandit Triloknath, several attempts were made to establish contact with the tribe. Remarkably, these attempts remained peaceful and friendly, with the Sentinelese accepting offered food and items without harming Pandit Triloknath or his team. However, after 1997, the Indian government discontinued these efforts due to the risk of loss of life and property.
In 2004, when helicopters from the Indian army arrived on the island to survey the damage caused by an earthquake and tsunami, the Sentinelese attacked them with arrows and stones. In 2006, two Indian fishermen accidentally reached the island and were killed.
In 2018, Christian missionary John Allen Chau visited the island for religious preaching and was killed and buried by the Sentinelese.
To date, no one has been able to understand the language of the Sentinelese, and their population estimate remains uncertain, with estimates ranging between 400 to 500 individuals. They have shown a strong aversion to contact with the outside world, leading the Indian government to impose a ban on visits to the island.
Despite technological advancements and space exploration, the Sentinelese tribe continues to live in a primitive Stone Age-like existence, unfamiliar with agriculture and living naked. All attempts to reach them have proven insufficient, and the government prefers not to force them into any particular way of life against their will.
(If you have any specific questions or need further information, feel free to ask!)

4 thoughts on “Sentinelese : दुनिया की रहस्यमयी जनजाति”

  1. हमने विकास करके भी क्या कर लिया….सरकार इस जनजाति को प्राकृतिक रूप से जीने दे….इन्हे छेड़े नहीं…..पूरी धरती पर शायद प्राकृतिक रूप से जीने वाली यही जनजाति तो बची है

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