दौसा लोकसभा सीट के समीकरण

दौसा लोकसभा सीट में तीन जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्र आते है:
जयपुर के चाकसू और बस्सी
अलवर का थानागाजी
दौसा लोकसभा सीट
दौसा लोकसभा सीट
दौसा के पांचों विधानसभा क्ष्रेत्र ( बांदीकुई – दौसा – लालसोट – महवा और सिकराय )

वर्तमान में मौजूदा विधायक और पार्टियों का प्रतिनिधित्व:

  1. चाकसू -रामावतार बैरवा (भाजपा)
  2. बस्सी-लक्ष्मण मीना (कांग्रेस)
  3. थानागाजी-कांतिलाल मीना (कांग्रेस)
  4. बांदीकुईभागचंद टांकडा (भाजपा)
  5. महवा– राजेन्द्र मीना(भाजपा)
  6. लालसोट-रामविलास मीना (भाजपा)
  7. सिकराय– विक्रम बंशीलाल(भाजपा)
  8. दौसा– मुरारीलाल मीना (कांग्रेस)
इन आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर भाजपा औऱ तीन पर कांग्रेस का कब्जा है| अगर इस लिहाज से देखा जाएं तो भाजपा का पलड़ा भारी नजर आता है|
अब इस सीट पर जुड़े हर पहलू की पड़ताल करते है | सबसे पहले यहाँ पर सर्वाधिक प्रभाव वाले नेताओं की बात करते है|
नेताओं में सबसे बड़ा नाम पायलट परिवार का है जिसकी विरासत वर्तमान में सचिन पायलट के हाथ है| पायलट परिवार हमेशा ही कांग्रेस के साथ रहा है| उनके साथ ही जिले की राजनीति में जिनका सर्वाधिक प्रभाव है वे है किरोडीलाल मीना | मीना अधिकतर भाजपा के साथ ही रहे है सिवाय एक बार के जब वे बागी होकर एक अलग पार्टी से ही मैदान में उतर गए थे | तीसरा नाम पंडित नवलकिशोर शर्मा के परिवार से किसी का या अन्य कोई ब्राह्मण नेता का हो सकता था किंतु वर्तमान में ऐसा कोई नही है जिसका पूरे जिले में व्यापक प्रभाव हो औऱ सचिन पायलट औऱ किरोडीलाल मीना जैसा प्रभाव हो | तो इस मामले में जिले के दो ही बड़े खिलाड़ी है जिनके कंधों पर अपनी अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा टिकी हुई है|

जातीय प्रभाव

जातीय समीकरण के हिसाब से मीणा जाति के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है| चूंकि दोनों ही प्रमुख उम्मीदवार मीना जाति से है तो मीना वोटों का विभाजन तो तय है|
मीनाओ के बाद गुर्जर और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है और यहीं जीत की चाबी है| जिस तरफ इन जातियों का रुख होगा उधर ही जीत सरकती चली जायेगी| गुर्जर मतदाताओं में सचिन पायलट का प्रभाव सबसे ज्यादा है अगर गुर्जर मतदाता पायलट के साथ रहते है तो इससे कांग्रेस को फायदा होगा| इसी प्रकार अगर ब्राह्मण जाति के मतदाताओं में विभाजन होता है तो भविष्यवाणी करना मुश्किल है किंतु अगर है एकतरफा किसी पार्टी की ओर मुड़ते है तो वे जीत का सूत्र हो जाएंगे| चौथी बड़ी ताकत SC वर्ग के मतदाताओं की है जिन्हें हमेशा ही अंडर-एस्टीमेट किया जाता है किंतु हार जीत में उनकी भूमिका भी बहुत निर्णायक है|

कांग्रेस के उम्मीदवार

दौसा लोकसभा सीट विधायक मुरारीलाल मीना
कांग्रेस से दौसा के वर्तमान विधायक मुरारीलाल मीना पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे है हालांकि उनकी पत्नी पिछले बार चुनाव में लड़ चुकी है| मीना एक बार बांदीकुई से औऱ तीन बार दौसा से विधायक रह चुके है| सचिन पायलट के करीबी के तौर पर उन्हें उम्मीद है कि गुर्जर मतदाताओ का समर्थन उन्हें अवश्य मिलेगा इसके अतिरिक्त उनका लोगों से व्यक्तिगत जुड़ाव है जिसमें सभी जाति-वर्गों के लोग शामिल है|

BJP के उम्मीदवार

कन्हैयालाल मीना
कन्हैयालाल मीना भाजपा से उम्मीदवार है और उन्हें मोदी लहर का सबसे बड़ा भरोसा है| अपनी जाति के वोटों पर उनका वैसा ही हक है जैसे कांग्रेस के उम्मीदवार को है किंतु उनके साथ भाजपा के उस वोट बैंक सबसे बड़ा सहारा है जिसका दावा भाजपा पूरे देश में ये कहकर करती है कि उसने ‘सबका साथ सबका विका नारा देकर तैयार किया है|
देखना दिलचस्प होगा कि दौसा की जनता किसमें अपना विश्वास जाहिर करती है|
आगामी ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे पूरे राजस्थान की सभी 25 सीटों पर लोकसभा के रण की…किन किन सीटों पर कौन-कौन उम्मीदवार है? किन-किन सीटों पर क्या-क्या समीकरण है? किसका पलड़ा रहेगा भारी और कौन मारेगा बाजी? किन -किन सीटों पर रहेगी काँटे की टक्कर…

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