Public Welfare V/S मुफ्तखोरी

Public Welfare VS Freebies

Public Welfare को मुफ्तखोरी कहना देश का अपमान है|जब तक देश के सभी लोगों को एक न्यूनतम जीवन स्तर तक नही लाया जाएगा तब तक ये देश न तो बड़ी महाशक्ति बन सकेगा और न विश्वगुरु| बड़े उद्योगपति और नोकरी-पेशा लोग टैक्स भरकर देश पर कोई एहसान नही करते

Indian media attacks the soul of democracy

Indian media भारतीय मीडिया पथभ्रष्ट हो चुका था| अब उम्मीद की जाती है कि उसे सद्बुद्धि आएगी और वो नींद से जागकर सरकार की गोद से नीचे उतरेगा|

18th Lok Sabha : देश की संसद की एक तस्वीर

Lok Sabha : देश में चुने गए कुल 543 में से 251(कुल संख्या का 46%) सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज है| केरल से जीतकर आये सांसदों में 95%,तमिलनाडु से आने वाले सांसदों में 82%,उड़ीसा के 76% और झारखंड के 71% सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाले है|

Distortion of history Part- 4

Distortion of history : इनकी अब जो मौजूदा पहचान(संस्कृति) है वो नकल के चक्कर मे खत्म हो जाएगी| दूसरा,इतिहास में ये भी दर्ज हो रहा है कि इन्होंने अपनी मूल पहचान को कब तिलांजलि दी

Distortion of history Part- 3

Distortion of history : राजपूत शब्द जरूर नया है किंतु भारतीय वर्णव्यवस्था में क्षत्रिय शब्द वैदिक काल से चला आ रहा है| जिस तरह का आचरण औऱ जीवन मूल्य प्राचीन भारत में क्षत्रियों के थे उनका अक्षरशः पालन मध्यकालीन भारत में राजपूतों द्वारा किया गया|

The distortion of History : Part- 1

Distortion of history : After coming to India, the spread of Islam could not progress further towards the East and the Islamic power, without completely Islamizing India, considered it as its home and maintained its hold on the central power for hundreds of years.

Bhagat Singh : Perception v/s Reality Part- 2

Bhagat Singh नास्तिक थे और उनका पुनर्जन्म, स्वर्ग-नरक और ईश्वर की अवधारणा में विश्वास नही था| इस विषय में उनकी एक पुस्तक “मै नास्तिक क्यों हूँ? उनकी धर्म के विषय में सोच और समझ को हमारे सामने प्रस्तुत करती है|

शहीद भगतसिंह : धारणा v/s हकीकत ( Part- 1 )

आखिर सरदार भगत सिंह की सख्सियत में ऐसा क्या जादू था कि देश की आजादी की लड़ाई में सैंकड़ो बलिदानी देने वालों के बीच उनका नाम कुछ ज्यादा ही खास है?

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