Women: Abilities-demand of rights

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स्त्री विमर्श : योग्यताएँ-अधिकारों की माँग

भगवान दयालु है जब वो किसी को कोई एक चीज कम देता है तो उसकी एवज में किसी दूसरी चीज को बड़ा/ज्यादा कर देता है|महिलाओं के मामले में उसे ऐसे समझा जा सकता है कि महिलाएं शारीरिक तौर पर पुरुषों जैसी ताकतवर और बलिष्ठ नही होती और न हो सकती क्योंकि ये प्रकृति प्रदत्त(ईश्वरीय)व्यवस्था है जिसे चाहकर भी बदलना सम्भव नही |अगर महिलाएं शारिरिक तौर पर बलिष्ठ होने लगी तो उनके अंदर जरूरी भावनात्मक संवेदनाएं औऱ सृजनात्मकता के लिए जरुरी सॉफ्ट स्किल का लोप हो जाएगा|

ईश्वर ने स्त्री को हार्डवेयर की तरह नही सॉफ्टवेयर की तरह डिज़ाइन किया है| स्त्री कंप्यूटर का डिब्बा नहीं बल्कि उसका प्रोग्राम(कार्यक्रम) है| हालांकि कम्प्यूटर में हार्डवेयर(डिब्बा) औऱ सॉफ्टवेयर(प्रोग्राम) दोनों ही महत्वपूर्ण है किंतु कंप्यूटर की पहचान उसके हार्डवेयर से ज्यादा सॉफ्टवेयर के आधार पर होती है| ठीक इसी प्रकार इन्सान के अंदर भी केवल शरीर ही महत्वपूर्ण नही होता बल्कि उससे भी ज्यादा जरूरी और महत्वपूर्ण दिलो-दिमाग होते है|

भगवान ने महिलाओं को शरीर से थोड़ा अलग औऱ जटिल जरूर गढ़ा है किंतु इसके एवज में उसके दिल और दिमाग मे कुछ ज्यादा क्षमताओं का वरदान दिया है|आदिकाल से क्या अवधारणा और मान्यताएं रहीं उससे इतर आज स्कूल से लेकर विवि की परीक्षाओं में, चपरासी से लेकर UPSC की परीक्षा में लड़के और लड़कियों के परिणाम की तुलना करके देखो अंतर साफ पता लग जाएगा कि किसका मानसिक स्तर बेहतर है|

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अगर कार्यक्षमता की बात करें तो देश में अभी तक 77 सालों में 14-15 प्रधानमंत्री हुए है उनमें से महिला केवल एक ही हुई है| आप उन सब 14-15 प्रधानमंत्रीयों का नाम भूल जाएंगे किन्तु इंदिरा गांधी का नाम कभी कोई नही भूल सकता क्योंकि उनका काम ही ऐसा था| चाहे राजाओं के प्रिवीपर्स को समाप्त करना हो, बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना हो ,पाकिस्तान के दो टुकड़े कर इतिहास तो क्या भूगोल बदलने का काम हो या परमाणु परीक्षण कर भारत की धाक दुनिया में स्थापित करने का काम हो,ये अब काम इंदिरा गांधी ने उस जमाने में कर दिए जब देश में खाने का अनाज भी पैदा नही होता था|

अगर साहस की बात करें तो झांसी रानी लक्ष्मीबाई का नाम सबसे पहले जेहन में आता है जिन्होंने सीधे हार मान लेने की बजाय अपने नवजात पुत्र को अपनी पीठ से बांधकर मैदान में उतरना चुना और इतनी बहादुरी से लड़ी कि एक अंग्रेज सेनापति जनरल ह्यूज़ ने उनके बारे में लिखा “हिंदुस्तान में हमारा मुकाबला एक मात्र मर्द से हुआ और उसका नाम था झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई|

अगर बुद्धिमत्ता की बात की जाएं तो मैडम क्यूरी का नाम जेहन में आता है जो इस धरती पर एकमात्र ऐसा इंसान है जिन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा पुरूस्कार नोबेल प्राइज अपने एक जीवन में दो बार प्राप्त कर लिया और उनको ये पुरुस्कार किसी कला औऱ साहित्य के क्षेत्र में नही बल्कि भौतिकी और रसायन जैसे जटिलतम क्षेत्रों में किये गए शोध कार्य के लिए मिला था|

अपनी दबंगई और कार्यकुशलता के लिए प्रसिद्ध रही देश की प्रथम IPS किरण बेदी हो या सरस्वती स्वरूपा लता मंगेशकर इन सब ने ये अपने कार्य से इस दुनिया के सामने इस तथ्य को रेखांकित किया कि दुनिया की कोई भी महिला न तो किसी मामले में किसी से कमतर है और न ही अवांछनीय|

अब वर्तमान संदर्भ में ये बहस तो खूब सुनने को मिलती है कि महिलाओं और पुरुषों में कोई अंतर नही है| इस मुद्दे पर भी बहुत आंदोलन हुए और विमर्श हुआ कि महिलाओं को बराबर के अधिकार प्राप्त हो| सोचनीय विषय है कि क्या अधिकार और सम्मान मांग कर या लड़कर लिए जाते है??

अधिकारों औऱ सम्मान के लिए उस अनुकूल आचरण किया जाता है और इस तरह से प्राप्त हुआ कोई अधिकार और सम्मान ही मन को सुकून देता है| आप किसी की गिरेबान पकड़कर,कानून का सहारा लेकर या बहुमत से आवाज उठाकर सम्मान नही पा सकते|

महिलाएं किसी भी अर्थ में कमजोर और अवांछित नही है किंतु आवश्यकता है कि वे अपनी ताकत और खूबियों को पहचानकर उन पर काम करें जैसे ऊपर 4-5 सफल और सम्मानित महिलाओं के उदाहरण ऊपर दिए गए हैं| महिलाओं को कम कैसे माना जा सकता क्योंकि जो पुरुष श्रेष्ठ या उच्चतर होने का दावा करते है उन्हें भी एक माँ अपनी कोख और गोद में आश्रय देकर इस लायक बनाती है कि बाद में वह श्रेष्ठतम होने के दावा करें|

Women : Abilities-demand of rights

God is kind to all.When He gives one thing less to someone He increases some other thing*. In the case of women, it can be understood that physically women are not as powerful and strong as men. They cannot be so because this is a nature-bound (God-made) system which is not possible to change even if one wants to. If women start becoming physically strong then they will miss the necessary emotional sensitivities and soft skills necessary for creativity.

God has designed woman not like hardware but like software. Woman is not a box of computer but its program. Although both hardware (box) and software (program) are important in a computer, a computer is identified more on the basis of its software than its hardware. Similarly, in a human being, only the body is not important but even more important things are heart and mind.

God has definitely created women a little different and complex physically but in return He has blessed their hearts and minds with more abilities. Apart from the concepts and beliefs in ancient times about women, today, from school to university exams, the results of boys and girls in peon to UPSC exams, you will clearly know whose mental level is better.

If we talk about efficiency, in the last 77 years there have been 14-15 Prime Ministers in the country, out of which only one has been a woman. You will forget the names of all those 14-15 Prime Ministers but no one can ever forget the name of Indira Gandhi because her works were unique and memorable. Be it abolishing the privy purses of the kings, nationalizing the banks, breaking Pakistan into two pieces or establishing India’s dominance in the world by conducting nuclear tests.Indira Gandhi had done all this work. in the times when even enough food grains were not produced in the country.

If we talk about courage then the name of Jhans Ki Rani Lakshmibai first comes to mind, who instead of accepting defeat directly, chose to enter the field with her newborn son tied to her back and fought so bravely that an English commander General Hughes wrote about him “In India we faced only one man(‘Mard”‘) and his name was Rani Laxmibai of Jhansi.

If we talk about intelligence then the name of Madame Curie comes to mind who is the only person on this earth who has received the world’s biggest award, Nobel Prize, twice in her life and she has received this award not for art and literature. It was received for the research work done in the field of the most complex areas like Physics and Chemistry.

Be it the country’s first IPS Kiran Bedi and Lata Mangeshkar. Both were famous for their dominance and efficiency.They underlined the fact to the world that no woman in the world is inferior to anyone else in any matter nor is undesirable.

Now in the present context, this debate is heard a lot that there is no difference between men and women. There were many movements and discussions on this issue that women should get equal rights. It is a matter to think about whether rights and respect are taken by demanding or by fighting?

For the sake of rights and respect, suitable behavior is done.You cannot gain respect by holding someone’s neck, taking help of law or raising your voice with majority.

Women are not weak or unwanted in any sense but there is a need that they should recognize their strengths and qualities and work on them like the examples of 4-5 successful and respected women are given above. How can women be considered inferior because even those men who claim to be superior are made capable by a mother by giving them shelter in her womb and lap so that later they can claim to be the best.

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