Struggle, Power, and Greatness : संघर्ष – सत्ता औऱ महानता

संघर्ष ( Struggle ) का अर्थ है विपरीत परिस्थितियों में सही राह पर चलते जाना, सही मायनों में देखा जाएँ तो संघर्ष की जमीन ही महानता के लक्षण पैदा करने की सही जगह है| संघर्ष और महानता के बीच कहीं सत्ता सुख का अवसर मिलता है तो वो एक अलग एडेड एडवांटेज है|
ram ka struggle
हिंदुस्तान का पौराणिक इतिहास औऱ आधुनिक इतिहास ऐसे कई उदाहरणों से भरा पड़ा है जो संघर्ष की महानता पैदा करने वाली ताकत की ओर संकेत करते है| इस विषय में सबसे बड़ा उदाहरण भगवान राम और कृष्ण के जीवन से देखने को मिलता है| उनके बाद कौरवो के खिलाफ पांडवों का संघर्ष औऱ आधुनिक इतिहास में महाराणा प्रताप का संघर्ष| इन सबके मामलों में ये बात बिल्कुल स्पष्ट और जगजाहिर है कि इन्हें महानता इनके संघर्ष के दम पर मिली और संघर्ष के बाद ही इन्हें सत्ता सुख भी मिला|
इससे बड़ा संघर्ष क्या होगा कि भगवान कृष्ण का तो जन्म ही जेल में हुआ| उन्हें बचपन में ही कंस के प्रकोप से बचने के लिए बदली हुई पहचान के साथ इधर-उधर छिपते रहना पड़ा| एक ग्वाल के तौर पर एक आम बालक की तरह बेहद सादा बचपन बिताया| इस संघर्ष काल के दौरान ही चाहे पूतना राक्षसी का वध हो या कालिया नाग का मान-मर्दन औऱ इन सबसे बड़े अत्याचारी कंस का अंत भी उन्होंने सत्ता पाने से पहले संघर्ष-काल में किया| सत्ता पाने के बाद जनकल्याण के अलावा अन्य कोई उल्लेख उनके जीवन से नही मिलता|
struggle by krishna
भगवान राम की विपत्तियां और भी इस अर्थ में विकट कि एक राजकुमार को जंगल-जंगल भटककर आदिवासियों का जीवन जीना पड़ा| उस आदिवासी जीवन में भी औऱ मुश्किलें तब बढ़ गयी जब उनकी अर्धांगिनी का रावण द्वारा अपहरण कर लिया गया| किन्तु इस सब पर राम ने कोई शिकायत नहीं कि बल्कि उपलब्ध संसाधनों और भालू-बंदरो की सेना से ही उस समय के परम पराक्रमी राजा औऱ सोने की लंका के स्वामी को धूल चटा दी| इस सब के बाद वे राजा बने और उनका कार्यकाल जनकल्याण के कारण ही ‘रामराज’ के तौर पर जाना जाता है|
पांडवों पर कौरवों का जुल्म,पांडवों का संघर्ष औऱ अंततः पांडवों की जीत इस बात का सबूत की संघर्ष के पेड़ में महानता और सत्ता के फल लगते है| महाराणा प्रताप का जंगल जंगल भटकना औऱ घास की रोटी खाना उन्हें उस लेवल पर ले जाकर ऊपर उठा देता जहाँ आज उन्हें प्रातः स्मरणीय के तौर पर याद किया जाता है|
अब इसका उल्टा भी हो सकता है कि आपके पास किसी कारण से सत्ता आ जाएं औऱ आप रावण-कंस-कौरव औऱ अकबर की तरह उस सत्ता की ताकत को लोगों को कुचलने में काम लेने लगो तो फिर उनका क्या हश्र हुआ उसका भी खयाल कर लेना चाहिए|
सत्ता की ताकत का प्रयोग अगर जन कल्याण में हो तो वो महानता की ओर ले जाता है किंतु सत्ता की ताकत का प्रयोग अपनी व्यक्तिगत सनक को,नफरत को औऱ अहंकार को संतुष्ट करने के लिए किया जाता है तो फिर उसका परिणाम वो ही आना है जो रामायण, महाभारत औऱ मुगलकाल में आया|
Maharana pratap
सत्ता महानता की चाबी नही है बल्कि संघर्ष और जनकल्याण महानता की और ले जाते है| एक ताकतवर इंसान को विनम्र होना चाहिए ठीक वैसे ही जैसे युद्ध में जीतने के बाद मरणासन्न रावण के पास राम अपने भाई लक्ष्मण को भेजते हैं ये पूछने के लिए कि पता कर उसकी इतनी ताकत और वैभव का राज क्या था? हर किसी को ठिकाने लगाने कर प्रवृति एक राक्षसी प्रवृत्ति है उससे बचना चाहिए क्योंकि ताकत सदा नही रहती,वो बदलती रहती है| सत्ता का दुरूपयोग राम-कृष्ण-पांडव औऱ महाराणा प्रताप पैदा करता है|

Struggle, Power, and Greatness

“Struggle” means to keep walking on the right path even after adverse circumstances. To see it in the right context, the arena of struggle is precisely where the traits of greatness are cultivated. Sometimes, between struggle and greatness, there arises an opportunity for power(athority)which serves as an added advantage.
The mythological and modern history of India is filled with numerous examples that signify the power of struggle in gaining greatness. The greatest example of this can be observed in the lives of Lord Rama, Lord Krishna, the Pandavas’ struggle against the Kauravas, and Maharana Pratap’s struggle in modern history. In all these instances, it is clear and evident that their greatness was gained through their struggles, and it was only after the struggle that they attained power and greatness among masses.
What greater struggle could there be than Lord Krishna’s birth in a prison? From a young age, he had to adopt a changed identity to escape the wrath of Kansa. He spent a humble childhood like an ordinary cowherd boy, living in hiding. During this period of struggle, whether it was slaying the demoness Putana, subduing the serpent Kaliya, or ultimately vanquishing the tyrant Kansa, all these deeds were performed before attaining power. After gaining power, there is no mention of anything except welfare in their lives.
krishna arjun
The adversities faced by Lord Rama also exemplify the struggle towards greatness. A prince roamed through jungles, living the life of tribals. His challenges intensified when his beloved wife Sita was kidnapped by Ravana. Yet, Rama made no complaints. Instead, he killed Ravana, the ruler of Lanka, with available resources and with the help of bears and monkeys. Subsequently, he became as a revered king known for his welfare initiatives during the ‘Ram Rajya’ era.
The oppression inflicted upon the Pandavas by the Kauravas, the Pandavas’ subsequent struggle, and ultimately their triumph are evidence that greatness sprouts from the tree of struggle.Greatness and power are its fruits.
Contrary to this, one should also contemplate what transpires when one attains power due to certain circumstances and begins leveraging it to oppress people, akin to Ravana, Kansa, the Kauravas, and Akbar. Their downfall should also be pondered if they commence utilizing their power to gratify personal obsessions, animosity, and hubris.
The might of authority does not unlock the door to greatness; rather, struggle and welfare pave the way towards greatness. A potent individual should embody humility. Just as after emerging victorious in battle, Lord Rama sent his brother Lakshmana to interrogate Ravana and discern the value of his power and glory. Endeavoring to subjugate everyone is a demonic inclination that should be shunned because power is transient; it undergoes changes. The misuse of power paves the birth to individuals akin to Rama, Krishna and Maharana Pratap.

5 thoughts on “Struggle, Power, and Greatness : संघर्ष – सत्ता औऱ महानता”

  1. और ऐसा संघर्ष वर्तमान में सम्माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी में देखा जा सकता है साहब

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