झमाझम होगी बारिश…धीमी शुरुआत के बाद रफ्तार पकड़ेगा मानसून

निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काई मेट ने भविष्यवाणी की है कि इस बार देश में अच्छी बारिश होगी| स्काइमेट के निदेशक जतिनसिंह ने बताया कि इस बार मानसूनी अवधि के दौरान देश में 102% बारिश का अनुमान है| देश में मानसूनी अवधि जून से सितंबर के बीच चार माह की रहती है| इस अवधि में होने वाली सामान्य बारिश के मुकाबले इस वर्ष कोई कमी नही होगी बल्कि 5-7% की वृद्धि के साथ मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है| ऐजेंसी ने दावा किया है कि इस पूर्वानुमान में 5 प्रतिशत का प्लस-माइनस भी सम्भव है तो इससे जाहिर है कि मानसून निश्चित तौर पर सामान्य ही रहेगा|
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स्काइमेट के निदेशक ने बताया कि शुरुआत अल नीनो के प्रभाव के कारण मानसून थोड़ा कमजोर रह सकता है किंतु बाद में इसकी पूर्ति हो जाएगी| शुरू के महीनों में कम बारिश के बाद बाकी के महीनों में इसकी पूर्ति होने से अल-नीनो का कोई बुरा प्रभाव इस वर्ष देखने को नहीं मिलेगा| स्काइमेट का दावा है कि वर्तमान में अलनीनो का प्रभाव तेजी से समाप्त हो रहा है और ला-नीना की स्थिति बन रही है जिससे देशभर में झमाझम बारिश होगी|
अच्छे मानसून की खबर न केवल किसानों के लिये बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिये उत्साहजनक है|
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 ऊष्ण कटिबंधीय प्रशांत के भूमध्यीय क्षेत्र के समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आये बदलाव के लिए उत्तरदायी समुद्री घटना को एल नीनो कहा जाता है। यह दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित ईक्वाडोर, चिली और पेरु देशों के तटीय समुद्री जल में कुछ सालों के अंतराल पर घटित होती है। इससे परिणाम स्वरूप समुद्र के सतही जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। एल नीनो स्पेनी भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है- छोटा बच्चा इसे यह नाम पेरू के मछुआरों द्वारा बाल ईसा के नाम पर किया गया है क्योंकि इसका प्रभाव सामान्यतः क्रिसमस के आस-पास अनुभव किया जाता है।
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अल-नीनो गर्म जलधारा है जिसके आगमन पर सागरीय जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है जो कि विश्वव्यापी मौसम पद्धतियों के विनाशकारी व्यवधानों के लिए जिम्मेदार है। एक बार शुरू होने पर यह प्रक्रिया कई सप्ताह या महीनों चलती है। अल-नीनो अक्सर दस साल में दो बार आती है और कभी-कभी तीन बार भी। अल-नीनो हवाओं के दिशा बदलने, कमजोर पड़ने तथा समुद्र के सतही जल के ताप में बढ़ोत्तरी की विशेष भूमिका निभाती है। एल नीञो का एक प्रभाव यह होता है कि वर्षा के प्रमुख क्षेत्र बदल जाते हैं। परिणामस्वरूप विश्व के ज्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों में कम वर्षा और कम वर्षा वाले क्षेत्रों में ज्यादा वर्षा होने लगती है। कभी-कभी इसके विपरीत भी होता है|
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क्या है ला-नीना ?

ला-नीना स्पेनी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है छोटी बच्ची। इसका प्रभाव अल-नीनो के विपरीत होता है|
पश्चिमी प्रशांत महासागर में अल-नीनो द्वारा पैदा किए गए सूखे की स्थिति को ला नीना बदल देती है, तथा आर्द्र मौसम को जन्म देती है|

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