What are the special features that make us a human - being ?
What are the special features in human beings that make them the best creature on this earth?How is a human being different and superior to other creatures on the earth? The answer to this question can prove to be a roadmap to the excellence and perfection for a human-being if it is deeply examined.The answer to this question may reveal the secret of success in our life.
What do I wish to express ?
In this article, I would like to make you think on this-the special features in a human being.If human being is physically assessed,his/her abilities seem to be very limited. A human being has neither the strong legs like a horse, nor the speed of a leopard, nor the killing-spirit & power of a lion, nor the strength of an elephant, nor the eye-sight of an eagle, nor the nose of an ant, neither the ears of a dog nor the venom of a cobra. In addition, he lacks the ability of sky-flying like birds and the ability to swim and stay alive in water like fish. This clearly means that man’s strength is not in his body. Physically a human being can’t match the ability of even a small insect.
Has God done in – justice with us ?
Has God done injustice with him by making him so weak?Obviously our answer to the question of injustice is no because apart from all the physical handicaps mentioned above ,a human being is given unparalleled power and control on this whole universe.From the earth to the sky and to the underworld, only human beings rule. They are superior everywhere and is in a position to mould (control) the whole universe according to their will. He owns the speed of millions of kilometers per hour without wings, he owns the ability to destroy the whole world in a second without venom like a cobra.He can control the strongest animal like elephant and lion just by a wink
What is the secret of our supermacy?
How have human-beings got such an upperhand is the subject of our thinking? To think over this is the purpose of this article beside this I wish to make you do a little digging inside yourself on those reasons so that the reasons behindi supermacy may be discovered.
There is no doubt that a human being is the best creation on the earth.Even after limited physical abilities,the superamacy of human beings is obvious and everywhere.Then, question arises from where a human being gets this unparalleled power.Its evident that the real power of a human being is not in his/her body, its hidden somewhere else.
I think its quite clear what I mean to convey.
What in the next ?
(In the next article I would like to discuss the causes and special features that make us human being-the super creature on the earth)
वे कौन सी खास विशेषताएं हैं जो हमें एक इंसान बनाती हैं?
मनुष्य में ऐसे कौन से विशेष गुण हैं जो उसे इस पृथ्वी पर सर्वश्रेष्ठ प्राणी बनाते हैं? एक मनुष्य पृथ्वी पर अन्य प्राणियों से किस प्रकार भिन्न और श्रेष्ठ है? यदि इस प्रश्न का गहराई से परीक्षण किया जाए तो इसका उत्तर मनुष्य के लिए उत्कृष्टता और पूर्णता का रोडमैप साबित हो सकता है। इस प्रश्न का उत्तर हमारे जीवन में सफलता के रहस्य को उजागर कर सकता है।
मेरे कहने का उद्देश्य?
इस लेख में मैं आपको इस विषय पर सोचने पर मजबूर करना चाहता हूँ कि मनुष्य में क्या विशेष गुण होते हैं। यदि मनुष्य का शारीरिक मूल्यांकन किया जाए तो उसकी क्षमताएँ बहुत सीमित प्रतीत होती हैं। मनुष्य के पास न तो घोड़े जैसी मजबूत टाँगें हैं, न चीते जैसी गति, न शेर जैसी मारक-भावना और ताकत, न हाथी जैसी ताकत, न बाज जैसी दृष्टि, न चींटी जैसी नाक, न कुत्ते के जैसे कान, न कोबरा का विष। इसके अलावा उसमें पक्षियों की तरह आसमान में उड़ने की क्षमता और मछली की तरह पानी में तैरने और जीवित रहने की क्षमता का भी अभाव है। इसका मतलब साफ है कि इंसान की ताकत उसके शरीर में नहीं है। शारीरिक दृष्टि से मनुष्य एक छोटे से कीड़े की भी बराबरी नहीं कर सकता।
क्या भगवान ने उसे इतना कमजोर बनाकर उसके साथ अन्याय किया है? जाहिर है कि अन्याय के सवाल पर हमारा जवाब नहीं है क्योंकि ऊपर वर्णित सभी शारीरिक बाधाओं के बावजूद, एक इंसान को इस पूरे ब्रह्मांड पर अद्वितीय शक्ति और नियंत्रण दिया गया है। पृथ्वी से लेकर आकाश से लेकर पाताल तक, केवल मनुष्य ही शासन करते हैं। वे हर जगह श्रेष्ठ हैं और पूरे ब्रह्मांड को अपनी इच्छा के अनुसार ढालने (नियंत्रण) करने की स्थिति में हैं। वह बिना पंखों के लाखों किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार का मालिक है, वह कोबरा की तरह बिना जहर के एक सेकंड में पूरी दुनिया को नष्ट करने की क्षमता रखता है। वह हाथी और शेर जैसे सबसे मजबूत जानवर को पलक झपकते ही वश में कर सकता है।
इंसान की श्रेष्ठता कहाँ से औऱ कैसे प्राप्त हुई?
यह हमारे चिंतन का विषय है कि मनुष्य को इतनी शक्ति कैसे प्राप्त हुई? इस पर विचार करना ही इस लेख का उद्देश्य है, इसके अलावा मैं चाहता हूं कि आप उन कारणों पर अपने अंदर थोड़ा शोध करें ताकि महाशक्ति के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि मनुष्य पृथ्वी पर सर्वश्रेष्ठ रचना है। सीमित शारीरिक क्षमताओं के बाद भी, मनुष्य की श्रेष्ठता सर्वत्र स्पष्ट है। फिर, प्रश्न उठता है कि मनुष्य को यह अद्वितीय शक्ति कहाँ से मिलती है। यह स्पष्ट है कि इंसान की असली ताकत उसके शरीर में नहीं, कहीं और छिपी होती है।
मुझे लगता है कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मैं क्या कहना चाहता हूं।
आगामी लेख में क्या?
(अगले लेख में मैं उन कारणों और विशेष विशेषताओं पर चर्चा करना चाहूँगा जो हमें मनुष्य-पृथ्वी पर सर्वश्रेष्ठ प्राणी बनाती हैं)
अति सुन्दर
Thanks sir👍
Replace to word man with mankind or human.
Article should be not only for men , this should be for women also.
Other than that great thoughts.👍
Thanks for your suggestion…this change of word will be kept in mind👍
English seekhne ke liye achha madhyam…bahut hi aasaan bhasha me likha h👍
Yes, deliberately tries to write as simple as possible.
Thanks👍
Good
Good 👍👍👍