UPSC परिणाम और हिंदी माध्यम

अभी पिछले सप्ताह ही UPSC ने 2023 के अंतिम परिणाम जारी किए है जिसके बाद हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों में ये जानने की उत्सुकता है कि उनका परिणाम कैसा रहा है? क्योंकि पिछले बार उनकी संख्या अर्धशतक को पार कर गयी थी जो एक बड़ी संख्या थी,तो इस उत्सुकता के जवाब में इस बार थोड़ी मायूसी की बात ये है कि 2022 में जो संख्या अर्धशतक को पार करके 54 तक पहुँच गयी थी वो इस बार 2023 के परिणाम में 12 कम होकर 42 पर ही अटक गई|
हिंदी माध्यम से सफल होने वाले अभ्यर्थियों की बात करें तो पिछले चार सालों में सफल होने वालों का लेखा-जोखा इस प्रकार है:👇
  2020 में 22 कुल पद-(836)
  2021 में 24 (722)
  2022 में 54 (1022)
  2023 में 42 (1105)

2023 में हिंदी माध्यम से सफल होने वाले अभ्यर्थियों का विश्लेषण :

कुल सफल अभ्यर्थी – 42
राज्यवार विश्लेषण
हिंदी माध्यम से सफल होने वाले कुल 42 अभ्यर्थियों में से सर्वाधिक 18 राजस्थान से है,12 उत्तरप्रदेश से है,09 मध्यप्रदेश से है और 1-1 अभ्यर्थी छत्तीसगढ़-बिहार और गुजरात से है|
लिंगानुसार विश्लेषण
सफल होने वाले कुल 42 अभ्यर्थियों में से 37 पुरूष औऱ 05 महिला वर्ग से है|
विषयवार विश्लेषण
सफल हुए कुल 42 अभ्यर्थियों में से सर्वाधिक 29 अभ्यर्थियों का वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य रहा,4-4 का भूगोल औऱ इतिहास, 2 का दर्शनशास्त्र और 1-1 का रसायन विज्ञान और गुजराती साहित्य रहा|
UPSC

2023 में हिंदी माध्यम से सफल हुए Top-5 का विश्लेषण

1.हिंदी माध्यम में सर्वोच्च रैंक 53वीं रही जिस पर रसायन विज्ञान को अपने वैकल्पिक विषय के तौर पर चुनने वाले मोहनलाल ने कब्जा किया|
2.हिंदी माध्यम से दूसरी रैंक 135वीं रही जिस पर राजस्थान के विनोद मीना ने बाजी मारी औऱ उनका वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य था|
3.हिंदी माध्यम से तीसरी रैंक 136वीं रही जिस पर अर्पित ने कब्जा जमाया जिनके बारे में खास बात ये है कि वे अभी मात्र 22 वर्ष के हुए है और उन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास कर लिया है|
4.हिंदी माध्यम से चौथी रैंक 238वीं रही जिस पर विपिन दुबे ने अपना परचम लहराया|
5.हिंदी माध्यम से पांचवी रैंक 257वीं रही जिस पर मध्यप्रदेश की मनीषा धोरवे ने अपना नाम अंकित करवाया| मनीषा धोरवे एक आदिवासी समुदाय से आने वाली अभ्यर्थी है जो अपने स्थानीय आदिवासी क्षेत्र की पहली महिला IAS बनने जा रही है|
इन परिणामों के विश्लेषण के बाद स्पष्ट है कि UPSC की मुख्य परीक्षा में हिंदी माध्यम से सफल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बहुत कम है जिस पर चिंतन-मनन करने की आवश्यकता है| आखिर क्या कारण है कि हिंदी देश में सबसे ज्यादा लोगों के द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा है किंतु उसके बावजूद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में उस भाषा से इतने कम अभ्यर्थियों का चयन हो पाता है?

इसके कुछ संभावित कारण इस प्रकार से है:-

1.हिंदी माध्यम वाले अभ्यर्थियों का कमजोर आर्थिक-सामाजिक स्तर
कमज़ोर आर्थिक-सामाजिक वर्ग के अभ्यर्थियों के पास संसाधनों की कमी तो रहती ही है दूसरा उन्हें बड़ा सोचने की जरूरी प्रेरणा भी नही मिल पाती जो जीवन के शुरुआती समय में बहुत जरूरी होती है| जो लोग आर्थिक तौर पर सम्पन्न हो जाते वे अपने बच्चों को हिंदी माध्यम में पढ़ाना पसंद नही करते बल्कि वे शहरों में बसकर अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों और कॉलेजों में दाखिला दिलवा देते है| हिंदी माध्यम के अधिकतर अभ्यर्थी गांव-देहात के कमजोर आर्थिक-सामाजिक पृष्ठभूमि से आते है जिसके कारण उन्हें अन्तिम परिणामों में पिछड़ना पड़ जाता है| इसके अतिरिक्त देश में ये सामान्य धारणा है कि जो इंग्लिश में बोल-लिख रहा है वो हिंदी वाले से बेहतर होगा ही जिसका फायदा इंग्लिश मीडियम वाले अभ्यर्थियों को मिलता है|

2.छोटे कस्बों और उत्तरी भारत में उच्च शिक्षा का कमजोर ढांचा

अधिकतर हिंदी भाषी राज्यों में और खासकर ग्रामीण क्षेत्रो में उच्च शिक्षा का मजबूत ढांचा अभी विकसित नही हो पाया है| इधर बने हुए कॉलेज बस नाम के कॉलेज है जिनमें न तो पर्याप्त शैक्षणिक स्टाफ है और न ही अन्य मूलभूत सुविधाएं| नियमित कक्षाओं का न होना, अच्छे पुस्तकालयों का अभाव और कमजोर शैक्षणिक ढांचा इस क्षेत्र के बालकों को उस लेवल की तैयारी का माहौल दे ही नही पाता|

3.गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री का अभाव

अंग्रेजी माध्यम में हर विषय की गुणवत्तापूर्ण और प्रचुर मात्रा में सामग्री आसानी से मिल जाती है जबकि हिंदी माध्यम में न तो पर्याप्त अध्ययन-सामग्री है और न ही वो गुणवत्तापूर्ण है| उदाहरण के तौर पर आप ऑनलाइन Wikipedia के पेज पर जाओ तो आपको वहाँ इंग्लिस में तो पांच पेज की जानकारी मिल जाएगी किन्तु उसी विषय पर हिंदी में मात्र आधा पेज मिलेगा जिसे भी आप ठीक से समझ नही सकते|
ये कुछ प्रमुख कारण है जिनके कारण हिंदी माध्यम के अभ्यर्थी देश की इस प्रतिष्ठित परीक्षा में पिछड़ जाते है किंतु अब इन सभी दिशाओं में अच्छा काम हो रहा है तो आने वाले समय मे उम्मीद की जा सकती है कि हिंदी माध्यम वाले अभ्यर्थी भी अपना परचम लहरायेंगे|

5 thoughts on “UPSC परिणाम और हिंदी माध्यम”

  1. Hi there,

    My name is Mike from Monkey Digital,

    Allow me to present to you a lifetime revenue opportunity of 35%
    That’s right, you can earn 35% of every order made by your affiliate for life.

    Simply register with us, generate your affiliate links, and incorporate them on your website, and you are done. It takes only 5 minutes to set up everything, and the payouts are sent each month.

    Click here to enroll with us today:
    https://www.monkeydigital.org/affiliate-dashboard/

    Think about it,
    Every website owner requires the use of search engine optimization (SEO) for their website. This endeavor holds significant potential for both parties involved.

    Thanks and regards
    Mike Gilson

    Monkey Digital

    Reply

Leave a Comment