The power of goodness

The power of goodness

Goodness is actually Godliness.The virtues of being God make a person good.When someone is good, he/she is very near to the character of God.Kindness, honesty, sense of duty, service to the humanity and good-will to the whole universe make a person good.Goodness makes conscience clear and strong, it creates confidence and glow in the soul.A person who is on the path of goodness never feels alone and helpless.The most powerful force of the universe is always with him/her. Things may seem harder from outside but there is rock-hard solidarity inside the heart of a good person.
Goodness makes the conscience clear, strong and very aware and after that this conscience becomes the guiding master for that good person.When Maharana Pratap was struggling in very hard conditions, what was his real power? When Mahatama Gandhi was struggling against the biggest power on the earth of that time, what was the real strength with him?
Answer to the both question is: the voice of conscience.Both of them were following the voice of their conscience and their conscience was so clear-so strong that they had no doubts in their heart/mind for fighting against the whatever strong power.This is the power of goodness which enables a person to fight the most difficult and the hardest battles to win.
The meanest person wishes to be good.No one wishes to be known as bad/evil person.Even a thief has desire to be known as an honest person.This is the power of goodness that no person can live a comfortable life without the sense of goodness.Goodness wishes to be known by all the universe while wickedness always in search of hiding place.Goodness is like the fragrance of rose which is liked and appreciated by all and everywhere while wickedness is like corona virus from which everyone wants to be far away.

अच्छाई की शक्ति

अच्छाई वास्तव में ईश्वरत्व है। ईश्वर होने के गुण ही व्यक्ति को अच्छा बनाते हैं। जब कोई अच्छा होता है, तो वह ईश्वर के चरित्र के बहुत करीब होता है। दया, ईमानदारी, कर्तव्य की भावना, मानवता की सेवा और संपूर्ण ब्रह्मांड के प्रति सद्भावना एक व्यक्ति को अच्छा बनाती है। अच्छाई आत्मा को स्पष्टता देती है और मजबूत बनाती है|यह आत्मा में आत्मविश्वास और एक विशेष आभा पैदा करती है। अच्छाई के रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति कभी भी अकेला और असहाय महसूस नहीं करता है। ब्रह्मांड की सबसे बड़ी शक्ति हमेशा उसके साथ होती है। चीजें बाहर से कठिन दिख सकती हैं लेकिन एक अच्छे इंसान के दिल के अंदर चट्टान जैसी मजबूती होती है।
अच्छाई अंतरात्मा को स्पष्ट, मजबूत और बहुत जागरूक बनाती है और उसके बाद यही अंतरात्मा उस अच्छे व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक गुरु बन जाती है। जब महाराणा प्रताप बहुत कठिन परिस्थितियों में संघर्ष कर रहे थे, तो उनकी वास्तविक शक्ति क्या थी? जब महात्मा गांधी उस समय की धरती की सबसे बड़ी शक्ति के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे, तो उनके पास असली ताकत क्या थी?
दोनों प्रश्नों का उत्तर है: अंतरात्मा की आवाज। वे दोनों अपनी अंतरात्मा की आवाज का पालन कर रहे थे और उनकी अंतरात्मा इतनी स्पष्ट-इतनी मजबूत थी कि किसी भी मजबूत शक्ति के खिलाफ लड़ने के लिए उनके दिल/दिमाग में कोई संदेह नहीं था। यह अच्छाई की शक्ति है जो व्यक्ति को कठिन से कठिन लड़ाई लड़ने और जीतने में सक्षम बनाती है।
सबसे तुच्छ व्यक्ति भी अच्छा बनना चाहता है। कोई भी बुरा व्यक्ति भी बुरा कहलाना नहीं चाहता। यहां तक कि एक चोर भी ईमानदार व्यक्ति के रूप में पहचाने जाने की इच्छा रखता है। यह अच्छाई की शक्ति है कि कोई भी व्यक्ति बिना अच्छाई के आरामदायक जीवन नहीं जी सकता । अच्छाई चाहती है की उसे सारी दुनिया जाने ,जबकि बुराई हमेशा छिपने की जगह की तलाश में रहती है। अच्छाई गुलाब की खुशबू की तरह है, जिसे सभी लोग पसंद करते हैं और हर जगह सराहते हैं, जबकि बुराई कोरोना वायरस की तरह है, जिससे हर कोई दूर रहना चाहता है।

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