Public Welfare V/S मुफ्तखोरी

Public Welfare VS Freebies

Public Welfare को मुफ्तखोरी कहना देश का अपमान है|जब तक देश के सभी लोगों को एक न्यूनतम जीवन स्तर तक नही लाया जाएगा तब तक ये देश न तो बड़ी महाशक्ति बन सकेगा और न विश्वगुरु| बड़े उद्योगपति और नोकरी-पेशा लोग टैक्स भरकर देश पर कोई एहसान नही करते

Opposition in 2024 : चुनाव में विपक्ष को संजीवनी

2024 के चुनाव में विपक्ष को संजीवनी

2024 तक देश में विपक्ष का स्पेस लगभग समाप्ति की ओर आ गया क्योंकि उसे बहुत बेहरहमी के साथ बदनाम कर दिया गया औऱ पूरी तरह से कुचलने के प्रयास किया गया किन्तु 2024 के चुनाव परिणाम से विपक्ष को एक संजीवनी मिलने का काम हुआ है|

Mayawati The biggest loser : 2024 के लोकसभा चुनाव

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हाथी नही गणेश है-ब्रह्मा,विष्ण,महेश है के नारे को चरितार्थ करते हुए Mayawati ने 2007 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में 403 में से 206 सीटें जीतकर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था| देश के सबसे बड़े सूबे की मुख्यमंत्री बनने औऱ कानून व्यवस्था में ठीक-ठाक सुधार के कारण उन्हें उनके समर्थक देश के प्रधानमंत्री बनने के भी ख्वाब देखने लगे थे

Chandrababu Naidu : भारतीय राजनीति के NO. 1 किंग मेकर

Chandrababu Naidu

Chandrababu Naidu : मौजूदा समय में नीतीश कुमार की पार्टी JDU और Chandrababu Naidu की पार्टी TDP किंगमेकर की भूमिका में है| बिना इन दोनों के सहयोग के केंद्र में सरकार बनाना लगभग नामुमकिन है|

2024 Lok Sabha elections : लोकसभा चुनाव और संभावित परिणाम

2024 Lok Sabha elections विपक्ष

2024 Lok Sabha elections : ये वे तीन राज्य है जहाँ की कुल 42 की 42 सीटें NDA के पास थी किन्तु इस बार किसान आंदोलन औऱ स्थानीय नेताओं के फेरबदल से हवा बदली हुई नजर आ रही है |ऐसे में यहाँ शत प्रतिशत का स्ट्राइक रेट देना आसान नहीं होगा|

Rahul Gandhi अमेठी से रायबरेली.. हार का डर या कोई रणनीति?

Rahul Gandhi from Amethi to Rae Bareli.. fear of defeat or any strategy?

Rahul Gandhi को डर था कि वे स्मृति ईरानी के सामने दोबारा से चुनाव हार सकते है जो उनकी साख पर बड़ा आघात होगा| वहीँ दूसरी और कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि स्मृति ईरानी को लेकर अमेठी में असंतोष है और उनके खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी भी है ऐसे में उनका चुनाव हारना तय है

EVM में गड़बड़ी : हकीकत या झूठा शोर

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लालकृष्ण आडवाणी ने EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाते हुए इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए| इसके बाद BJP के ही एक प्रवक्ता औऱ नेता GVL नरसिम्हा राव ने बाकायदा एक क़िताब ‘डेमोक्रेसी एट रिस्क:कैन वी ट्रस्ट अवर ई.वी.एम.?’ लिखी जिसकी प्रस्तावना स्वयं लालकृष्ण आडवाणी द्वारा लिखी गई

बांसवाड़ा-डूंगरपुर और जैसलमेर-बाड़मेर लोकसभा क्षेत्रों में बम्पर वोटिंग के मायने

Banswara Dungarpur and Jaisalmer Barmer Lok Sabha constituencies

Banswara Dungarpur and Jaisalmer Barmer Lok Sabha constituencies बांसवाड़ा-डूंगरपुर में 72.24 और बाड़मेर-जैसलमेर में 73.68% मतदान हुआ है जो इन क्षेत्रों में अभी तक हुए चुनावों में हुए वोटिंग प्रतिशत का एक रेकॉर्ड है| इससे पूर्व इन सीटों पर कभी इतना मतदान नही हुआ|

UPSC परिणाम और हिंदी माध्यम

UPSC

UPSC की मुख्य परीक्षा में हिंदी माध्यम से सफल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बहुत कम है जिस पर चिंतन-मनन करने की आवश्यकता है| आखिर क्या कारण है कि हिंदी देश में सबसे ज्यादा लोगों के द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा है किंतु उसके बावजूद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में उस भाषा से इतने कम अभ्यर्थियों का चयन हो पाता है?

शिंदे सेना का बढ़ता कुनबा… कौन है इसके पीछे एक मास्टरमाइंड?

शिवसेनाका बढ़ता कुनबा

चूरु जिले के सादुलपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक मनोज न्यांगली और बाड़ी से जसवंत सिंह गुर्जर ने बसपा छोड़कर शिवसेना (शिंदे गुट) जॉइन कर ली। दोनों विधायकों के शिवसेना (शिंदे) में शामिल होने के बाद राजस्थान विधानसभा में अब बसपा विधायकों की संख्या जीरो हो गई है। बसपा के विधायक पहले भी दो बार 2008 और 2018 में चुनाव जीतने के कुछ समय बाद पार्टी बदल चुके हैं।