शुरुआती आनाकानी के बाद सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश से सकपकाये SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी भारतीय निर्वाचन आयोग को तय समय के भीतर सौंप दी| निर्वाचन आयोग ने भी बैंक से प्राप्त जानकारी को अपनी साइट पर अपलोड कर दिया जहाँ से देश के नागरिक राजनीतिक पार्टियों को प्राप्त चंदे की जानकारी प्राप्त कर सकते है| गौरतलब है कि SBI इसी जानकारी को देने में आनाकानी करते हुए 6 महीने का समय चाहती थी किन्तु सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद मात्र 3-4 दिन में ही सारी जानकारी उपलब्ध करवा दी| फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विस लिमिटेड 1368 करोड़ रुपए का चंदा देकर प्रथम स्थान पर रही वहीँ मेघा इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ का चंदा राजनीतिक पार्टियों को दिया| इसके अतिरिक्त 100 करोड़ से ज्यादा चंदा देने वाली सैंकड़ो कंपनीयां है जिनमें से बहुत सी ऐसी है जिनपर ED और इनकम टैक्स की रेड पड़ी और उसके बाद उन्होंने चंदा दिया|