How is destiny shaped ?

How is destiny shaped ?

There are well-defined and set rules of nature that help us in shaping the destiny of things and people. It rarely observed that we see some un-expected twists and turns contrary to the principles of the nature. For example,its quite clear and sure that if we sow the seeds of mango, we will do get the trees of mangoes. It can’t happen that there will be trees of grapes out of the mango-seeds

The set rules of nature

The same rule is applied to the actions of a person.A person can get the desired results by the well-planned,calculated and intelligent actions.Well-directed positive actions bring the excellent results while the mis-guided negative actions are sure to end at unpleasant destination.Its not a rocket science to get desired results.The ways of success are tried and tested for countless times by great number of people.It is the matter of only perfect execution.

How is destiny shaped?

The destiny of a person is shaped by the direction and quality of actions. By giving right direction to actions and by improving the quality of actions,anyone can get the desired results. This is the principle of the nature that it gives birth to almost all the seeds when these are dropped at right place on right time. Its only the matter of place and time to choose otherwise remaining course of action is done by the nature itself.
How is destiny shaped
In the same way, its only the matter of direction and quality of actions, the results are sure and pre-decided by the laws of the nature.We need not to worry about the results, the results are bound to the rules of nature. We need only to pay attention to the direction and quality of actions.

Right actions at right time is the key

The life of a human being must be dominated by the actions(hard-work) because our life is continuously running to its final destination whether we are doing something or not.The quality of life will depend on the quality of the work we do.

Conclusion

Its a fact that shaping our destiny is always in our hands and in our reach.A person can shape his/her destiny as per his/her will.Destiny is the long term result of our continuous efforts.By controlling and improving our actions,we can shape our destiny.

भाग्य कैसे बनता है?

प्रकृति के सुपरिभाषित और पूर्व निर्धारित नियम हैं जो हमें चीजों और लोगों की नियति को आकार देने में मदद करते हैं। ऐसा कम ही देखा गया है कि हम प्रकृति के सिद्धांतों के विपरीत कुछ अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव देखते हैं। उदाहरण के लिए, यह बिल्कुल स्पष्ट और निश्चित है कि यदि हम आम के बीज बोएंगे, तो हमें आम के पेड़ ही मिलेंगे। ऐसा नहीं हो सकता कि आम के बीज से अंगूर के पेड़ निकल आएं।

प्रकृति के निर्धारित नियम

यही नियम व्यक्ति के कार्यों पर भी लागू होता है। एक व्यक्ति सुनियोजित, सटीक और बुद्धिमानपूर्ण कार्यों द्वारा वांछित परिणाम प्राप्त कर सकता है। अच्छी तरह से निर्देशित सकारात्मक कार्य उत्कृष्ट परिणाम लाते हैं जबकि गलत दिशा में किए गए नकारात्मक कार्यों का अंत नकारात्मकता पर होना ही निश्चित है| वांछित परिणाम प्राप्त करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। सफलता के तरीकों को बड़ी संख्या में लोगों द्वारा अनगिनत बार आजमाया और परखा गया है। सफलता प्राप्त करना केवल सही निष्पादन की बात है।

भाग्य कैसे बनता है?

व्यक्ति का भाग्य कर्मों की दिशा और गुणवत्ता से बनता है। कर्मों को सही दिशा देकर और कर्मों की गुणवत्ता में सुधार करके कोई भी व्यक्ति वांछित परिणाम प्राप्त कर सकता है। यह प्रकृति का सिद्धांत है कि वह लगभग सभी बीजों को तभी जन्म देती है जब उन्हें सही समय पर सही जगह पर गिराया जाता है। यह केवल जगह और समय चुनने का मामला है अन्यथा बाकी कार्रवाई तो प्रकृति ही करती है।
उसी प्रकार, यह केवल कार्यों की दिशा और गुणवत्ता की बात है, परिणाम निश्चित हैं और प्रकृति के नियमों द्वारा पूर्व-निर्धारित हैं। हमें परिणामों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, परिणाम प्रकृति के नियमों से बंधे हैं . हमें केवल कार्यों की दिशा एवं गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

सही समय पर सही कार्य ही कुंजी है

मनुष्य के जीवन में कर्मों (कड़ी मेहनत) का प्रभुत्व होना चाहिए क्योंकि हमारा जीवन लगातार अपने अंतिम गंतव्य की ओर दौड़ रहा है चाहे हम कुछ कर रहे हों या नहीं। जीवन की गुणवत्ता हमारे द्वारा किए गए कार्यों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगी।

निष्कर्ष

यह एक तथ्य है कि अपने भाग्य को आकार देना हमेशा हमारे हाथ में और हमारी पहुंच में होता है। एक व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार अपने भाग्य को आकार दे सकता है। भाग्य हमारे निरंतर प्रयासों का दीर्घकालिक परिणाम है। अपने कार्यों को नियंत्रित और सुधारकर, हम अपने भाग्य को आकार दे सकते हैं।

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