इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ( EVM ) जब से प्रचलन में आई है तब से इस पर विवाद और संदेह की बहस शुरू हो गई थी| जो पार्टी चुनाव जीत जाती है वो इस मुद्दे पर चुप्पी साध लेती है किंतु जो पार्टी चुनाव हार जाती है वो EVM में गड़बड़ का आरोप लगाकर इस पर संदेह जाहिर कर देती है| भारत में EVM पर सन्देह का इतिहास पुराना है|भारत में EVM का प्रयोग 2000-2001 के बाद से सभी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में होने लगा|
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2 thoughts on “EVM में गड़बड़ी : हकीकत या झूठा शोर”