बांसवाड़ा-डूंगरपुर और जैसलमेर-बाड़मेर लोकसभा क्षेत्रों में बम्पर वोटिंग के मायने

Banswara Dungarpur and Jaisalmer Barmer Lok Sabha constituencies
भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार बांसवाड़ा-डूंगरपुर में 72.24 और बाड़मेर-जैसलमेर में 73.68% मतदान हुआ है जो इन क्षेत्रों में अभी तक हुए चुनावों में हुए वोटिंग प्रतिशत का एक रेकॉर्ड है| इससे पूर्व इन सीटों पर कभी इतना मतदान नही हुआ|
election commission of india
लोकतंत्र में मतदान उसकी आत्मा है| ये लोगों का मत(वोट) ही है जो लोकतंत्र को असल ताकत,पवित्रता और सर्व-स्वीकार्य मान्यता दिलवाने का काम करता है| किसी भी चुनाव में ज्यादा वोटिंग एक शुभ संकेत होता है| सही अर्थों में एक मुकम्मल औऱ आदर्श लोकतंत्र की स्थापना तब होगी जब मतदान का प्रतिशत 99.99% होगा| किन्तु ये अफसोस का ही विषय है कि अभी लगभग देश के आधे मतदाता ही लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभा पाते है|
देश का निर्वाचन आयोग चुनावों से कई महीने पहले सक्रिय होकर भरसक प्रयास करता है कि कैसे भी हो लेकिन मतदान का प्रतिशत बढ़े|ऐसे में बांसवाड़ा-डूंगरपुर और जैसलमेर-बाड़मेर लोकसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत का बढ़ना एक शुभ संकेत ही माना जाना चाहिए|
Banswara Dungarpur and Jaisalmer Barmer Lok Sabha constituencies

*क्यों बढ़ा है मतदान प्रतिशत?

बांसवाड़ा-डूंगरपुर और बाड़मेर-जैसलमेर इन दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों पर चुनाव के स्थानीय मुद्दे हावी रहें| एक तरफ रवींद्रसिंह भाटी ने सीमांत क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार को मुद्दा बनाया वहीं दूसरी और राजकुमार रौत ने आदिवासी अस्मिता और उनके पिछड़ेपन को अपना मुद्दा बनाया| स्थानीय मुद्दों की धूम ने लोगों को चुनावी प्रक्रिया की ओर आकर्षित किया है|देश की दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने अपना चुनाव प्रचार राष्ट्रीय मुद्दों और पार्टी के बड़े नेताओं के दौरों की इर्द-गिर्द रखा|
स्थानीय मुद्दों और क्षेत्र विशेष के लोकप्रिय एवं स्थानीय उम्मीदवारों ने जन जन को अपने साथ जोड़ने का काम किया है| इसके अलावा यहां देश के सबसे लोकप्रिय चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की सभा,कई राज्यों के मुख्यमंत्रीयों के दौरे और फ़िल्मी जगत के लोकप्रिय चेहरों के दौरों ने चुनावी फिजा को रंग-बिरंगा और जीवंत बनाने का काम किया है|
Banswara Dungarpur and Jaisalmer Barmer Lok Sabha constituencies

क्या है ज्यादा मत प्रतिशत के मायने?

मतदान तो राज्य की 13 सीटों पर हुआ है किंतु इन दोनों ही सीटों पर अन्य सीटों की तुलना में 10-12 % ज्यादा मतदान से ये जरूर साबित हो गया कि अगर चुनाव स्थानीय मुद्दों पर और स्थानीय लोकप्रिय नेताओ के बीच हो तो मतदान का प्रतिशत अवश्य बढ़ सकता है| राज्य की अन्य सीटों पर राष्ट्रीय मुद्दे और राष्ट्रीय नेताओं का ज्यादा बोलबाला रहा किन्तु इन दो सीटों पर एक अलग ही माहौल देखने को मिला| आने वाले समय में इन दो सीटों से मिले सबक को दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां अपने मुद्दों औऱ नेताओ के चयन में ध्यान रखेंगे|

1 thought on “बांसवाड़ा-डूंगरपुर और जैसलमेर-बाड़मेर लोकसभा क्षेत्रों में बम्पर वोटिंग के मायने”

  1. I blog often and I truly thank you for your content.
    This great article has really peaked my interest.
    I am going to bookmark your blog and keep checking for new details about once
    a week. I subscribed to your RSS feed too.

    Feel free to surf to my website – John E. Snyder

    Reply

Leave a Comment