Chandrababu Naidu : भारतीय राजनीति के NO. 1 किंग मेकर

भारतीय राजनीति के किंग मेकर: चंद्रबाबू नायडू

हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नही मिला है ऐसे में छोटी-छोटी राजनीतिक पार्टियों की भूमिका अहम हो गयी है क्योंकि नई सरकार के गठन में उनकी बड़ी भूमिका होने वाली है| मौजूदा समय में नीतीश कुमार की पार्टी JDU और Chandrababu Naidu की पार्टी TDP किंगमेकर की भूमिका में है| बिना इन दोनों के सहयोग के केंद्र में सरकार बनाना लगभग नामुमकिन है|

चंद्रबाबू नायडू तीसरी बार किंगमेकर

Chandrababu Naidu भारतीय राजनीति का एक दिलस्चप किरदार है| आज वे केंद्र में सरकार बनाने के प्रयासों की मुख्य धुरी है| उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनावों में 16 सीटों पर जीत दर्ज की है| सीटों के लिहाज से देखा जाये तो उनकी पार्टी देश की पांचवी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर कर सामने आई है|
1996 में वे NDA के संयोजक थे और इनके सहयोग से अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार चली थी| इसी प्रकार 1999 में भी वे NDA के साथ थे| 2024 में वे अभी तक NDA के साथ ही है और सरकार गठन में उनकी अहम भूमिका होने वाली है|
Chandrababu Naidu

नायडू की शुरुआती राजनीतिक पारी

Chandrababu Naidu का जन्म 1950 में हुआ और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 में कांग्रेस के साथ अपने कॉलेज जीवन से की|
1978 में मात्र 28 साल की उम्र में वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक का चुनाव जीते और दो साल बाद ही 1980 में उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बना दिया गया|

नायडू का राजनीतिक उत्कर्ष

Chandrababu Naidu ने आंध्रप्रदेश के दिग्गज नेता और दक्षिण के फिल्मी सुपरस्टार NT रामाराव की दूसरी पुत्री भुवनेश्वरी कुमारी से शादी की| नायडू ने अपने जीवन की शुरुआत काँग्रेस के साथ कि किन्तु बाद में उनकी निगाह अपने ससुर की पार्टी TDP पर चली गयी
Chandrababu Naidu ने कांग्रेस के साथ मिलकर न केवल अपनी ससुर को मुख्यमंत्री की कुर्सी से अपदस्थ किया बल्कि उनकी पार्टी को भी छीन लिया| Chandrababu Naidu ने अपने ससुर NT रामाराव को 1994 में मुख्यमंत्री पद से हटाकर TDP पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली|

आंध्रप्रदेश की राजनीति पर एकछत्र राज

NT रामाराव आंध्रप्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे किन्तु Chandrababu Naidu ने उन्हें 1994 में पद और पार्टी दोनों से अपदस्थ कर दिया| उसके बाद 1995 से आज तक करीब 30 सालों से Chandrababu Naidu का आंध्रप्रदेश की राजनीति पर एकछत्र राज्य है|
Chandrababu Naidu 1995-1999 में पहली बार,1999-2004 में दूसरी बार,2014-2019 तीसरी बार और अब 2024 में चौथी बार मुख्यमंत्री के पद पर बैठने जा रहे है| इसी बीच जब वे मुख्यमंत्री नही रहे तो 2004-2009 और 2009-2014 के बीच नेता विपक्ष रहें जिसे भी कैबिनेट स्तर का दर्जा प्राप्त रहता है| इस तरह से वे 30 सालों से राज्य की राजनीति पर पूरी तरह से छाए हुए है|

केंद्र की राजनीति में मजबूत उपस्थिति

1996 में Chandrababu Naidu NDA के संयोजक रहे जो एक बहुत ही शक्तिशाली औऱ महत्वपूर्ण पद था| इसी प्रकार 1999 में अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार के गठन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई| दोनों बार वे केंद्र सरकार के गठन में किंगमेकर की भूमिका में रहें| आज 25 साल बाद फिर इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है जब Chandrababu Naidu एक बार फिर से किंगमेकर की भूमिका में नजर आ रहे है|

राजनीति में नायडू का बुरा दौर

Chandrababu Naidu पर भाग्य खूब मेहरबान रहा| चाहे बहुत कम उम्र में विधायक या मंत्री बनने की बात हो या NT रामाराव का दामाद बनने की बात,चाहे रामाराव से बगावत कर पार्टी प्राप्त करने की बात हो या केंद्र में किंगमेकर बनने की भूमिका में रहने की| इसी प्रकार राज्य की राजनीति में भी उनका एकछत्र राज्य रहा|
किन्तु 2019 में वे राज्य विधानसभा के चुनावों में हार गये और 2019 के लोकसभा चुनावो में भी उन्हें कोई बड़ी सफलता नही मिली| ये उनकी जिंदगी का सबसे बुरा दौर था जब राज्य की जगन सरकार ने उन पर 37 मुकदमे लाद दिए औऱ सितंबर-2023 में एक भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया|
Chandrababu Naidu 52 दिन जेल में रहें औऱ बाहर आकर जब विधानसभा में गए तो अपनी पत्नी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी से इतने आहत हुए की वे विधानसभा से बाहर आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोने लग गए| उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कसम खाई की अब वे विधानसभा में जब ही जायेंगे जब वे मुख्यमंत्री बनेंगे|

संकल्प सिध्दि औऱ पुराने वैभव की वापसी

Chandrababu Naidu ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोते हुए ये संकल्प लिया था कि वे विधानसभा में तब ही कदम रखेंगे जब वे मुख्यमंत्री बन जाएंगे| आज उनका न केवल वो संकल्प पूरा हुआ बल्कि आज वे केंद्र की राजनीति में भी बहुत मजबूत होकर उभरे है|उनकी ये चुनावी सफलता उनके लिए एक प्रकार से संकल्पसिद्धि और पुराने वैभव की वापसी है|

नायडू होने की मायने

Chandrababu Naidu एक सफल और शानदार राजनीतिक नेता होने के साथ साथ एक बड़े बिजनेसमैन भी है| उनकी कंपनी HFL का हजारों करोड़ का सालाना टर्नओवर है जिसकी निदेशक उनकी पत्नी है| Chandrababu Naidu देश की राजनीति में इस बात का प्रतीक है कि जब कोई सत्त्ता किसी जननेता को कुचलने का प्रयास करती है तो वो और ज्यादा ताकत के साथ उभरकर आ जाता है|

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