क्या राजपूत नाराज है भाजपा से ?

पश्चिमी उत्तरप्रदेश-गुजरात और राजस्थान में इस तरह की सुगबुगाहट देखने को मिल रही है कि जिसे देखने के बाद ऐसा लगता है जैसे राजपूतों के मन में भाजपा को लेकर बेचैनी है| राजनीति में राजपूतों के घटते प्रतिनिधित्व,राजपूतों नेताओं के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार, इतिहास के साथ छेड़छाड़ और कुछेक नेताओं के द्वारा अपमानजनक बयानबाज़ी को इसके पीछे का कारण माना जा रहा है|
क्या राजपूत नाराज है भाजपा से
अभी पिछले सप्ताह ही पश्चिमी उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में ‘क्षत्रिय स्वाभिमान सम्मेलन’ हुआ जिसमें बोलते हुए ठाकुर पूरनसिंह ने आरोप लगाया कि राजपूत हमेशा से भाजपा के कोर वोटर रहे है फिर भी भाजपा अब राजपूतों के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रही है| उन्होंने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनावों में उत्तरप्रदेश से 21 राजपूत सांसद जीतकर आये फिर 2019 में उनकी संख्या 16 कर दी गयी और अबके बार मात्र 8 राजपूतों को लोकसभा के टिकट दिए गए है जो बहुत कम है| जनरल वी.के.सिंह जैसे साफ सुथरे और कद्दावर नेताओं के टिकट काटने के बाद इस बात को और हवा मिली है कि भाजपा राजपूतों के साथ उनके अस्तित्व और रसूख को मिटाने वाला व्यवहार कर रही है|

CM की पोस्ट पर राजपूतो को दरकिनार करना

राजपूतो के मन में इस बात का भी अंदेशा है कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ में रमनसिंह औऱ राजस्थान में वसुंधरा राजे को जिस तरह से किनारे किया है कहीं वैसे ही आने वाले समय में योगी को भी साइडलाइन न कर दें| CM की पोस्ट पर राजपूतो को दरकिनार करना और लोकसभा में भी राजपूतों के टिकटों की संख्या को कम करना निश्चित तौर पर राजपूतों की नाराजगी का सबब है|

रुपाला के अपमानजनक बयान

इस कम प्रतिनिधित्व और उपेक्षापूर्ण व्यवहार के अलावा अभी गुजरात में रुपाला के अपमानजनक बयान से भी राजपूतों में गुस्सा है| रुपाला के बयान के बाद उपजे आक्रोश के दौरान महिपालसिंह मकराना और राज शेखावत पर पुलिसिया कार्यवाही से इस आग को घी मिलने का काम होगा| अपमानजनक बयान देने में केवल रुपाला अकेले नही है बल्कि इसे कई बयान सोशल मीडिया पर वायरल है जिनसे राजपूतों का खासकर युवा वर्ग आक्रोशित है जिसका असर सोशल मीडिया पर स्पष्ट देखा जा सकता है|
क्या राजपूत नाराज है भाजपा से
इसी के साथ दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहें मनीष सिसोदिया का डेढ़ साल से जेल में होना और आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरा औऱ राज्यसभा सांसद संजयसिंह को जेल में डालने से भी राजपूतों नाराजगी और मायूसी है कि कैसे राजपूत नेताओ को चुन चुनकर समाप्त करने की साजिश चल रही है| मनीष सिसोदिया का सम्बंध मेरठ से है जो पश्चिमी उत्तरप्रदेश में आता है और इसी प्रकार उत्तप्रदेश के सुल्तानपुर से आने वाले संजयसिंह भी बहुत दबंग आवाज के धनी और जाने-माने लोकप्रिय चेहरा है
आने वाले समय में भाजपा का इन सब पर क्या रुख रहता है ये देखना दिलचस्प रहेगा| इसके अतिरिक्त राजपूतों की नाराजगी क्या गुल खिलाती है ये भी देखना रोचक रहने वाला है किंतु इतना तय है कि राजपूत भाजपा का वफादार और कोर वोटर रहा है और अगर उसमें सेंध लगती है तो पार्टी की उम्मीदों पर निश्चित तौर पर विपरीत असर पड़ेगा|

3 thoughts on “क्या राजपूत नाराज है भाजपा से ?”

  1. लेखक महोदय यह सब समयचक्र होता है… अतः दिन बदलते रहते हैं….वो दौर नहीं रहा तो यह दौर भी नहीं रहेगा…. अतः जगह को ना छोड़े….अगर जगह छोड़ दी तो फिर निश्चित दूसरा व्यक्ति या समाज काबिज होगा ही…..

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