राजस्थान में तय लोकसभा का रण…

राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 सीटें है जिनपर पिछले दो बार से भाजपा क्लीन स्वीप कर रही है| वहीं काँग्रेस लगातार प्रयासरत है कि वो इस क्रम को तोड़े और भाजपा को तीसरी बार क्लीन स्वीप करने से रोके| भाजपा ने जहां अपने कई उम्मीदवार बदल कर एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर को साधने का प्रयास किया है वहीं काँग्रेस ने भी CPI(M) औऱ हनुमान बेनीवाल के लिए सीटें छोड़कर गठबंधन का दांव चला है| बांसवाड़ा सीट पर भी काँग्रेस BAP से तालमेल करना चाहती थी पर बात बनी नही फिर भी वहाँ काँग्रेस का अधिकृत उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल नही कर पाया तो इसे काँग्रेस का BAP को फ़्रेंडली वाक-ओवर माना जा सकता है
राजस्थान का रण
सीकर, नागौर और बांसवाड़ा सीट के अलावा बाकी 22 सीटों पर भाजपा औऱ काँग्रेस आमने सामने की टक्कर में है| जैसलमेर-बाड़मेर सीट पर रविंद्रसिंह भाटी मुकाबले को त्रिकोणीय और बेहद दिलचस्प बनाने की ओर अग्रसर है| उनके साथ लोगों का जुड़ता समर्थन और अपार भीड़ दोनों पार्टीयों को सकते में डाले हुए है|
दो बार से आसानी से लगातार जीतती आ रही भाजपा को अबके बार कुछ सीटों पर टक्कर मिलने की संभावना है|इस बार क्लीन स्वीप करना बहुत आसान नही होने वाला है|जिन सीटों पर मामला काँटे की टक्कर का है उन सीटों की संख्या करीब 10 के आसपास है:
भाजपा को सबसे बड़ी मुश्किल इसी सीट पर आने वाली है क्योंकि रविंद्रसिंह भाटी ने विधानसभा चुनावों में भी अपने दम पर चमत्कार करके दिखाया औऱ दोनो राष्ट्रीय पार्टियों को पटखनी देकर शानदार तरीके से चुनाव जीता| इस बार उनके सामने 2 जाट उम्मीदवार है जिनमें जाट वोटों का बंटवारा हो जाएगा और ऐसे में वो सीट निकाल ले जाएं तो कोई बड़ी बात नही होगी लेकिन वे जीत नही पाये तो भाजपा को उनसे सबसे ज्यादा नुकसान होगा क्योंकि भाजपा और रविंद्र भाटी का वोट बैंक एक ही है|
Ravindra Bhati राजस्थान का रण

2. बांसवाड़ा

राजस्थान के इस आदिवासी बहुल इलाके में भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) का अच्छा खासा प्रभाव है और उसमें राजकुमार रोत जैसे चमत्कारी-लोकप्रिय युवा के मैदान में होने से महेंद्रजीतसिंह मालवीय की राह आसान नही होगी क्योंकि उन पर पाला बदल कर आने का टैग भी है| सबसे खास होगा काँग्रेस का रुख अगर वे अपने वोटर को राजकुमार रोत की ओर मोड़ने में सफल हुए तो इस सीट पर जोरदार टक्कर देखने को मिलेगी|

3.सीकर

सुमेधानंद सरस्वती तीसरी बार मैदान में है जहां उनका मुकाबला अबके बार CPI(M) के उम्मीदवार अमराराम से है| कांग्रेस के समर्थन के बाद अमराराम इस मुकाबले को बराबरी पर लाकर कड़ी टक्कर दे सकते है|

4.नागौर

काँग्रेस से भाजपा में आई ज्योति मिर्धा का मुकाबला हनुमान बेनीवाल से है| दोनों का अपनी अपनी जाति में जबरदस्त प्रभाव है| कांग्रेस के समर्थन के बाद बेनीवाल को हल्के में लेना बड़ी राजनीतिक भूल हो सकती है| इस मुकाबले का भी रोचक होना तय है|

5.जालौर

जोधपुर से चुनाव हारने के बाद वैभव गहलोत को जालोर भेजा गया है जिसपर अशोक गहलोत की न केवल प्रतिष्ठा टिकी है बल्कि वैभव के राजनीतिक जीवन का अस्तित्व भी तय होना है ऐसे में अशोक गहलोत इस सीट पर अपनी पूरी ताकत लगाएंगे औऱ मुकाबले को काँटे का बना सकते है|

6.चुरू

राजेंद्र राठौड़ से अदावत के बाद राहुल कस्वां का टिकट तो भाजपा ने काट दिया किंतु कस्वां ने इसे अपनी जाति में की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर काँग्रेस से ताल ठोक दी| अब अगर जाट मतदाताओं का रुझान एकतरफा कस्वां की ओर हो जाता है तो देवेन्द्र झाझड़िया की मुश्किलें बढ़ जाएंगी | इस कारण से इस सीट पर भी मुकाबला काँटे का होने के आसार है|

7-10. दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर, भरतपुर और करौली-धौलपुर

राजस्थान का रण
इन चार सीटों पर सचिन पायलट का प्रभाव सबसे ज्यादा रहेगा औऱ इन चारों सीटों पर गुर्जर मतदाताओं की संख्या भी बहुत ज्यादा है जो चुनाव परिणाम को प्रभावित करने में अपनी भूमिका निभा सकती है| जिस तरह से सचिन पायलट के नजदीकी लोगों को इन सीटों पर टिकट दिए गए उसी प्रकार से यदि सचिन गुर्जर वोटों को लामबंद कर पाएं तो इन सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को आसानी से नही हराया जा सकेगा और मुकाबला काँटे का होगा|
लोकसभा के रण में इस बार परिणाम चाहे कुछ भी रहे पर पिछले दो बार की तरह इस बार मुकाबला एक तरफा नही रहने वाला है| इन 10-15 सीटों पर जबरदस्त फाइट देखने को मिलेगी

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