Religion and Science : दोनों में कौन महत्वपूर्ण ?

दोनों में कौन महत्वपूर्ण ?

इन दोनों के बीच का अंतर्संबंध और जीवन में धर्म और विज्ञान की अनिवार्यता |

धर्म का अस्तित्व ऐसे है जैसे इंसान के अंदर आत्मा, जो न तो आंखों से देखी जा सकती है और न ही उसे हाथों से छुआ जा सकता है किन्तु इसके बावजूद उसके होने पर किसी को कोई शक नही है| नाम चाहे कुछ भी दिया जाए किन्तु शरीर के अतिरिक्त इंसान के अंदर कोई न कोई शक्ति तो है ही जो उसे जिंदा रखती है और उसके बिना इंसान का शरीर तो पूरी तरह से मौजूद रहता है किंतु जीवन समाप्त हो जाता है| उसे हम आत्मा कहें,प्राण कहें या अन्य कुछ नाम दे लें किन्तु शरीर को चलाने वाली कोई शक्ति तो अवश्य है ही| इस तरह मनुष्य के जीवन में धर्म का महत्व है जो उसके जीवन की दशा और दिशा को तय करता है| जीवन तो पशु-पक्षी और अन्य जीव भी जीते है और उनके पास शरीर भी होता है किंतु धर्म का भाव इंसान को ज्यादा नैतिक,व्यवस्थित औऱ बेहतर बनाता है|
विज्ञान ऐसा जाहिर औऱ प्रत्यक्ष ज्ञान है जिसका प्रभाव बाहरी तौर पर नजर आता है|जैसे कोई व्यक्ति अच्छे कपड़े पहन लें-जैसे कोट-पेंट-तो वह जेंटलमैन नजर आएगा किन्तु किसी व्यक्ति के अंदर सद्व्यवहार और अच्छे संस्कार हो तो वो भी जेंटलमैन ही कहा जायेगा किन्तु एक मामले में बात देखते ही स्पष्ट हो जाती है और दूसरे मामले में चीजों को अनुभूति के बाद स्वीकार किया जा सकेगा| ठीक ये ही बात धर्म और विज्ञान के मामले में सही है कि विज्ञान बाहरी तौर पर नजर आने वाला विकास है जबकि धर्म आंतरिक तौर पर आने वाला विकास है| विज्ञान से शरीर को सहूलियत मिलती है जबकि धर्म आत्मा का विषय है| एक इंसान को शरीर भी मजबूत और स्वस्थ चाहिए होता है तो ये ही बात आत्मा के विषय में भी कही जा सकती है| जो इंसान बाहर से सुंदर और स्वस्थ हो तो उसे अंदर से भी ऐसा ही क्यों नही होना चाहिए?
जीवन में विज्ञान और धर्म का बराबर महत्व है| किसी एक कि कमी हमें पूर्ण होने से रोकती है| धर्म और विज्ञान कोई विरोधी विचार नही है बल्कि ये एक दूसरे के पूरक है और एक दूसरे को ताकत देने का काम करते है| अक्सर लोग इन्हें एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करके आपस में नीचा दिखाना या किसी एक को हल्का साबित करने का प्रयास करते है जो निश्चित तौर पर एक नासमझी है| विज्ञान जहां मकान की पहली मंजिल है वहीं धर्म उसकी दूसरी मंजिल है| ऐसा कहने से मेरा मतलब किसी को नंबर वन या नम्बर टू पर रखना नही है बल्कि मेरा तात्पर्य ये है कि जैसे बिना शरीर के आत्मा का अस्तित्व नही(हालांकि देवता अथवा भूत के तौर पर आत्मा हो सकती है किंतु वो मेरा विषय नही है) वैसे ही बिना विज्ञान के धर्म का भी कोई ज्यादा महत्व नही बचेगा| बिना विज्ञान न तो धर्म अपनी रक्षा कर सकेगा और न प्रतिष्ठा पा सकेगा इसलिए धर्म विज्ञान को अपना सहचर बना लें तो सबसे बेहतर है|इसी तरह बिना धर्म के विज्ञान अनैतिक होगी और विध्वंशक भी|
भारत ने क्या किया हजारों साल तक? यहाँ लोग धर्म-धर्म चिल्लाते रहे और विज्ञान को नजरअंदाज किया जिसका परिणाम ये हुआ कि भारत को हजारों साल की गुलामी झेलनी पड़ी औऱ समाज के एक बड़े वर्ग(दलित और महिलाओं) को वो स्तर नही दे सके जो उनका वाजिब हक था|धर्म की रूढ़िवादी सोच ने भारत को विश्व-गुरु और सोने की चिड़िया के स्तर से नीचे लाकर गुलामी में ला पटका| इसी तरह पश्चिम के देशों ने विज्ञान में इतनी प्रगति कर ली कि आज एक बटन दबाते ही सम्पूर्ण विश्व का खात्मा किया जा सकता है और उनका जीवन बेचैनी से भरा हुआ है|इससे साफ जाहिर है कि दोनों-न तो धर्म और न ही विज्ञान- ही अकेले सक्षम नही है कि वे जीवन को पूर्णता प्रदान कर सके|एक कंप्यूटर में हार्डवेयर जितना जरूरी है उतना ही महत्व सॉफ्टवेयर का भी है वरना कंप्यूटर एक डिब्बा ही साबित हो जाएगा|धर्म और विज्ञान दोनो ही एक दूसरे से जुड़े अभिन्न अंग है और दोनों में से किसी एक कि भी अनदेखी सम्भव नही है|

Religion and Science

Religion and Science

Religion and Science

Which of the two is important?

The inter-relationship between these two and the necessity of religion and science in life.

The existence of religion is like the soul in a human being which can neither be seen with the eyes nor touched with the hands.but despite of this no one has any doubt about its existence. Whatever may be the name, but apart from the body, there is some power inside the human being which keeps him/her alive and without it, the human body remains intact but life comes to an end. We may call it soul,spirit or give it some other name, but there is definitely some power that runs the body. In this way, religion has importance in human life which decides the condition and direction of the life. Animals, birds and other creatures also live life and they also have bodies, but the spirit of religion makes humans more moral, organized and better.
Science is such an obvious and direct knowledge whose effect is visible outward. For example, if a person wears good clothes – like coat and paint – then he will be seen as a gentleman, but if a person has good behavior and good values in his/her heart & mind, he/she is also called a gentleman. But in one case things become clear only on seeing and in the other case things can be accepted/felt after experience. Exactly the same thing is true in the case of religion and science that science is an externally visible development whereas religion is an internal development. Science provides comfort to the body whereas religion is a matter of the soul. If a person’s body also needs to be strong and healthy, the same can be said about the soul also. If a person is beautiful and healthy from outside then why shouldn’t he be the same from inside also?
Science and religion have equal importance in life. The lack of any one prevents us from being complete/perfect. Religion and science are not opposing ideas to each other, rather they complement each other and work to strengthen each other. Often people put them against each other and try to humiliate each other or make one thing appear lighter than other, which is definitely foolish thing to do. While science is the first floor of the house, religion is its second floor. By saying this, I do not mean to put anyone at number one or number two, but what I mean is that just as the soul does not exist without the body (although there can be a soul in the form of a deity or a ghost, but that is not my topic). Without science, even religion will not have much importance. Without science, neither religion will be able to protect itself nor will it be able to gain prestige, therefore it is best if religion makes science its companion. Similarly, without religion, science will be immoral and also destructive.
What did India do for thousands of years? Here people kept shouting about religion and ignored science, the result of which was that India had to suffer thousands of years of slavery and could not give a large section of the society (Dalits and women) the status that was their due rights. Conservative thinking brought India down from the level of world leader and golden bird into slavery. Similarly, the western countries have made so much progress in science that today the whole world can be destroyed with the press of a button and their life is full of restlessness. This clearly shows that neither religion nor science. They alone are not capable of providing completeness to life. Software is as important as hardware in a computer, otherwise the computer will prove to be just a box. Both religion and science are integral parts of each other and it is not possible to ignore either one of them.

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