दो बड़ी रैलियां : दो अलग अलग संदेश

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आज दिल्ली के रामलीला मैदान औऱ मेरठ में दो बड़ी चुनावी रैलियों का आयोजन हो रहा है जहां दोनों ही पक्ष-सता पक्ष औऱ विपक्ष-अपना-अपना नैरेटिव सेट करने का प्रयास करेंगे|

दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्ष की बड़ी रैली आयोजित होगी जिसमें विपक्षी इंडिया गठबंधन के 28 दलों की नेताओं के शिरकत करने की संभावना है जिसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी,अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे जैसे बड़े नेताओं के आने की संभावना है वहीँ मेरठ में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में NDA के घटक दलों की रैली है जिसमे जयंत चौधरी सहित उत्तरप्रदेश के अन्य सहयोगी दलों के नेता शिरकत करेंगे|

दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली रैली की घोषणा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद की गई थी तो जाहिर सी बात है कि इस रैली का मुख्य मुद्दा केजरीवाल सहित विपक्षी नेताओं पर सरकारी एजेंसियों के लगातार वार औऱ कार्यवाही का ही रहना वाला है| इंडिया गठबंधन के नेता देश के सामने इस बात को रखना चाहेंगे कि मौजूदा केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं पर दुर्भावनावश कार्यवाही कर दमनकारी रवैया अपनाए हुए है| सरकार अपने इस रुख से देश को विपक्षमुक्त करना चाहती है जिससे उसे चुनौती देने वाला कोई शेष न रहें| हाल ही में झारखंड के CM हेमंत सोरेन को भी जेल में डाला गया है और उसके अतिरिक्त लगभग हर राज्य में विपक्षी नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्यवाही की गई है जिससे विपक्षी दल भयभीत और डरे हुए है|

इसके उलट मेरठ वाली रैली में प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता को ये बात बताना चाहेंगे कि वे भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रखते है औऱ जो भ्रष्टाचार करेगा उसे जेल जाना ही होगा| मोदी जनता के साथ एक बहुत अच्छे संवादकर्ता है जो अपनी बात को बहुत प्रभावी ढंग से जनता के बीच रखते है|

देखना दिलचस्प होगा कि कौन अपनी बात को बेहतर ढंग से रख पाता है और शाम को होने वाली TV डिबेट्स और कल आने वाले अखबारों का मुख्य विषय क्या रहता है? इसके अतिरिक्त देश इन रैलियों के साथ ही चुनावी मोड़ में जा रहा है जिससे गर्मियों में राजनीतिक तापमान का पारा ऊपर जाना तय है|

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